August 15, 2022
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एक नए सत्याग्रह की जरूरत है आज देश को

मेरे दादा जी सदाशिव लक्ष्मण राव सोमन, जिन्हें हम सब बाबासाहेब के नाम से जानते हैं, का 1946 में देहांत हो गया, भारत के स्वतंत्रता दिवस से कुछ ही माह पहले। उन्होंने देश को स्वराज्य दिलाने का सपना साकार करने के लिए दशकों संघर्ष किया। वह 1917 में उन स्वयंसेवकों के उस पहले बैच में […]

February 11, 2020
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आदिवासियों का कर्ज है हम सब पर, बंग दंपती उसका हिस्सा चुका रहे हैं

इस नए दशक की शुरुआत में खुशकिस्मती से मुझे एक प्राचीन इलाके में जाने का मौका मिला जो अपनी हालिया परेशानी से उबर रहा है। विदर्भ का गढ़चिरौली, भारत के सबसे पिछड़े आदिवासी जिलों में से एक है। वहां गोंंड आदिवासियों के वनक्षेत्र में देश के 8 करोड़ आदिवासियों की तरह ही गोंड लोगों का […]

January 24, 2020
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संविधान का वादा पूरा करने का अवसर

अधिकार… हर व्यक्ति को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्वतंत्रता और न्याय की सुरक्षा ससम्मान मिले मैं कई बार सरकार, समाज और बाजार की निरंतरता के बारे में बात करती हूं। एक सफल समाज के लिए क्याें इन तीनों का सामंजस्य बनाकर साथ काम करना जरूरी है। आदर्श तौर पर सरकार या राज्य को अपने पास अत्यधिक […]

June 22, 2019
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पानी की समस्या के समाधान को समाज दिखाए राह

जिम्मेदारी… पुरानी परंपराओं और नए विचारों का उपयोग कर, सरल तरीकों से पानी का संरक्षण कर सकते हैं अमेरिका में एक पर्यावरण एनजीओ सिएरा क्लब के संस्थापक जॉन मुइर ने कहा था कि जब हम किसी चीज को दुनिया से अलग करने की कोशिश करते हैं, तो पता चलता है कि वह किसी न किसी […]